Wednesday, May 1, 2024
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श्रीदस स्कूल में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन, बच्चों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से उनके पदचिन्हों पर चलने का लिया संकल्प

स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करने की है जरूरत : रोहित सिंह

बरही लाइव : बरही

श्रीदस इंटरनेशनल स्कूल में स्वामी विवेकानंद के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय युवा दिवस पर उत्कृष्ट समारोह का आयोजन किया गया। विद्यालय में आयोजित इस उत्सव में बच्चों ने स्वामी विवेकानंद को स्मरण करते हुए नुक्कड़ नाटक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। आयोजन की शुरुआत श्रीदस स्कूल के शिक्षकों के द्वारा स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। इसके पश्चात बच्चों ने प्रेरक नुक्कड़ नाटक द केरिस्मेटिक मोंक इन शिकागो की प्रस्तुति दी। नाटक के माध्यम से स्वामी विवेकानंद जी की शिकागो यात्रा के दौरान हुई तमाम घटनाओं को अभिनय व संवाद के माध्यम से नाट्य करते हुए बच्चों ने दिखाया। इस दौरान प्रधानाध्यापक बच्चों से मुखातिब होते हुए स्वामी विवेकानंद की कथन का जिक्र करते हुए कहा कि स्वामी जी कहते थें कि उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए । साथ ही उन्होंने बच्चों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि आप लोगों के अंदर असीम शक्ति छिपी हुई है, उसकी पहचान करें और बड़ा सपना देखें फिर उन्हें पूरा करने के लिए हर पल मेहनत करें। उन्होंने शिक्षा के ऊपर जोर देते हुए कहा कि श्रीदस वह प्रांगण है जिसकी नींव इस बात पर रखी गई है कि समाज में विद्या की वह ज्योत जलाना है जिसकी लौ से पूरा संसार रौशन हो सकें। उसी भांति जैसे स्वामी विवेकानंद जी अपनी विद्या और साधना से पूरी दुनिया का गुरु बन गए। श्रीदस इंटरनेशनल स्कूल का सपना कभी समाजसेवी पूजनीय स्वर्गीय दशरथ सिंह देखा करते थे। जिनके नाम से आज श्रीदस जाना जाता है। सन् 2013 में विद्यालय की नींव रखी गई थी और मात्र दस वर्षों में अपनी सर्वश्रेष्ठ कार्यों से कुशल मार्गदर्शन से विद्यालय की गरिमा और बुलंदियां अब शिखर पर है। श्रीदस परिवार व विद्यालय का एक मात्र लक्ष्य है, देश के गरीब से गरीब घर के बच्चों तक बेहतरीन शिक्षा पहुंचाना और सौभाग्य है कि श्रीदस बरही जैसे छोटे शहर में स्थापित है जिसके चारों तरफ ग्रामीण इलाकों से सुसज्जित है। ऐसे भुगौलिक स्थान पर ग्रामीण इलाकों से आने वालें बच्चों के लिए विश्वस्तरीय शिक्षा देकर उन्हें निखारना हीं हमारा उद्देश्य है। इसके अलावा बच्चों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण, समाजसेवा का भाव, कला संस्कृति में जागरूकता एवं खेलों में निपुणता लाने के लक्ष्य से विद्यालय अपने शतप्रतिशत देने में लगा हुआ है। इस दौरान स्कूल के सभी शिक्षक मौजूद रहें।

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